ملوك الرمال

ملوك الرمال पीडीएफ

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617

भाषा:

अरबी

रेटिंग:

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विभाग:

साहित्य

पृष्ठों की संख्या:

252

फ़ाइल का आकार:

2709121 MB

किताब की गुणवत्ता :

अच्छा

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48

अधिसूचना

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इराकी लेखक अली बद्र का जन्म 1964 में बगदाद / पूर्वी करादा में हुआ था। 1985 में फ्रेंच साहित्य में स्नातक की डिग्री। 1985 और 1991 के बीच उन्होंने सैन्य सेवा की, जिसका आधा हिस्सा ईरान-इराक युद्ध में खर्च किया गया। उसके बाद, उन्होंने बगदाद 1992 में राष्ट्रीय पांडुलिपि सभा में पांडुलिपियों के सत्यापन और मरम्मत में विशेष पाठ्यक्रमों में प्रवेश किया। उन्होंने 1996 में रोलैंड बार्थेस पर एक थीसिस लिखकर बगदाद में अपनी विश्वविद्यालय की पढ़ाई पूरी करने की कोशिश की, लेकिन चर्चा से पहले उन्हें राजनीतिक कारणों से विश्वविद्यालय से बर्खास्त कर दिया गया। उनके अनुवादों से: "पियरे जोर्डा: ए जर्नी टू द ईस्ट" (दमिश्क 1999) "सलाह स्टेटिया: वायलिन ऑफ द एलीमेंट्स", कविता (बगदाद 2000 अली बद्र को सर्वश्रेष्ठ इराकी उपन्यासकार माना जा सकता है जो सांस्कृतिक घेराबंदी की स्थिति के बावजूद दिखाई दिया। पिछले दस वर्षों में, बद्र पिछली शताब्दी के नब्बे के दशक में कठोर और अस्वस्थ इराकी वास्तविकता के प्रलोभनों को दूर करने में सक्षम था, लेकिन राजनीतिक घटनाओं के कारण इराकी साहित्य ने खुद को जो पतन पाया, उससे निपटने में एक उल्लेखनीय तरीके से सफल रहा और इराक के युद्धों से गुजरा। उनके उपन्यासों ने इराकी और अरब सांस्कृतिक परिवेश के लिए एक बड़ा आश्चर्य पैदा किया, क्योंकि उन्होंने ऐतिहासिक उपन्यास मॉडल को अपनाया। वास्तविकता या इतिहास की चमकदार नकल में गिरने के बिना, यह साहसपूर्वक आया और समृद्ध या पतनशील इराकी सांस्कृतिक के साथ निपटा अवधि, लेकिन इसने इराक के आधुनिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ का गठन किया।

पुस्तक का विवरण

ملوك الرمال पीडीएफ अली बद्री

تجري أحداث هذه الرواية في جنوب غرب الصحراء العراقية، حيث تستعد القوّات العراقية لهجوم قوات التحالف المرتقب على العراق عقب غزو الكويت. المقتل المفاجئ لثلاثة من الضباط على أيدي عصابة يتزعمها شاب اسمه جسّاس من قبيلة بني جدلة البدوية، يحرف مصير فصيلٍ كامل من الجنود في اتجاه آخر. إذْ يكلَّفون بتعقب العصابة وقتلهم أو أسرهم بمساعدة دليلٍ بدوي اسمه منور من قبيلة بني جابر الموالية للدولة. لكنَّ الرواية تنتهي بمقتل أفراد الفصيل جميعاً، باستثناء الراوي الذي ينجو بالمصادفة ويقرر إتمام المهمة بمساعدة من قبيلة بني جابر.

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