أصوات مراكش

أصوات مراكش पीडीएफ

विचारों:

850

भाषा:

अरबी

रेटिंग:

0

विभाग:

साहित्य

पृष्ठों की संख्या:

184

फ़ाइल का आकार:

1967264 MB

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अच्छा

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अधिसूचना

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इलियास कैनेटी (25 जुलाई, 1905 - 14 अगस्त, 1994) एक जर्मन भाषा के लेखक थे, जिनका जन्म रुस, बुल्गारिया में एक सेफर्डिक परिवार में हुआ था। वे इंग्लैंड के मैनचेस्टर चले गए, लेकिन 1912 में उनके पिता की मृत्यु हो गई, और उनकी माँ अपने तीन बेटों को मुख्य भूमि यूरोप ले गईं। वे वियना में बस गए।

कैनेटी 1938 में नाजी उत्पीड़न से बचने के लिए एन्स्क्लस के बाद इंग्लैंड चले गए। वह 1952 में एक ब्रिटिश नागरिक बन गए। उन्हें एक उपन्यासकार, नाटककार, संस्मरणकार और गैर-कथा लेखक के रूप में जाना जाता है। साहित्य में 1981 का नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया, "व्यापक दृष्टिकोण, विचारों की संपत्ति और कलात्मक शक्ति के उनके लेखन के लिए।" उन्हें अन्य कार्यों के बीच उनकी गैर-फिक्शन पुस्तक क्राउड एंड स्ट्रेंथ के लिए जाना जाता है।

पुस्तक का विवरण

أصوات مراكش पीडीएफ इलियास कैनेटी

خطبة الكتاب: في العام 1953، قام إلياس كانيتي، برفقة أصدقاء انكليز كانوا يصورون فيلماً في المغرب، بزيارة مدينة مراكش، رحلة جاءت بمثابة "إلهام" لهذا الرجل، الذي سرعان ما حملته أعاصير الألوان المتفردة التي شاهدها في تلك المدينة، التي تنشق روائحها وسمع أصواتها، إلى رؤية جديدة، تختلف عن كل ما خبره في لندن حيث كان يعيش. عوالم بقيت عالقة في ذهنه، ليقرر في العام 1958، تأليف كتاب، يعتمد على الإنطباعات التي وسمته هناك. فجاء كتاب "أصوات مراكش" ليحمل لنا عبق تلك الرحلة، عبر فصول صغيرة تستعيد الملاحظات والعواطف والنبرات وكذلك التأملات التي لا تخلو من فلسفة الكاتب ورؤيته لسحر الشرق وصحرائها في رحابها (هل لنا أن نتذكر أنه حتى في القرى النهرية يرحل السكان بأطفالهم مع ميلادهم إلى الصحراء، التماسا لبركات الأولياء المدفونين في الصحراء، هكذا يفتح الطفل العربي عين الدهشة في مطلع حياته على الصحراء في تجردها الصامت كالسيف، ثم يغمضها عليه أيضا، إذ إن معظم المقابر حتى في مثل هذه القرى وفي المدن موجودة في الصحراء). وعليه تكون "أصوات مراكش" عملا أقرب إلى معمار موسيقي شديد الرهافة والدقة، يشف حد الشجن، يصخب حد العنف، يسافر راحلاً في الفرح، يتماوج مع المدينة، ثم ينساب مختزلاً نبض مراكش في دقة مذهلة ...

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