كش ملك

كش ملك पीडीएफ

विचारों:

886

भाषा:

अरबी

रेटिंग:

0

विभाग:

साहित्य

पृष्ठों की संख्या:

294

फ़ाइल का आकार:

3307573 MB

किताब की गुणवत्ता :

घटिया

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49

अधिसूचना

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अधम शरकावी फ़िलिस्तीनी मूल के लेखक हैं। उनका जन्म और पालन-पोषण लेबनान के टायर शहर में हुआ था। वे विवाहित हैं और उनके एक बेटा और तीन बेटियाँ हैं। उन्हें अरब दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण समकालीन लेखकों में से एक माना जाता है। उन्होंने शिक्षा संकाय से शारीरिक शिक्षा में डिप्लोमा और बेरूत में लेबनानी विश्वविद्यालय से अरबी साहित्य में मास्टर डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने कतरी अखबार, अल-वतन में काम किया। उन्होंने व्यंग्य मंच मंच पर लिखना शुरू किया, फिर 2012 में अपनी पहली किताब प्रकाशित की, जिसका नाम अहदीथ अल-सबाह था। वह अपने लेखन को एक छद्म नाम "कस बिन सादा" के तहत प्रकाशित करता है।

उनके लेखन में विचारों की समृद्धि और गहराई की विशेषता है, और अपनी पुस्तकों में वे दर्शन, धर्म, राजनीति और संस्कृति सहित विभिन्न विषयों से संबंधित हैं। शरकावी ने उपन्यास और लघु कहानी संग्रह सहित कई साहित्यिक रचनाएँ प्रकाशित की हैं, लेकिन उनकी सबसे प्रमुख कृतियों में से एक पुस्तक "लेटर्स फ्रॉम द क़ुरान" है, जो 2017 में प्रकाशित हुई थी। "चेक मलक", "हदीस अल-सबा" और "कानून के बाहर लिखावट"।

पुस्तक का विवरण

كش ملك पीडीएफ अधम शरकावी

تباً لكُم ، لِمَ تكتبون ؟! أَوَلَمْ تستمعوا لأحاديثِ الرَّقابة ليلةَ أمس ؟ قالوا : إنَّ بيتَ شَاعرٍ احترقَ ، فاختنقَ المسكينُ بدُخانِ قصَائِده وذكرُوا أنَّ أديب اًغرق داخلَ دواة وأنَّ آخر دخلَ دفتراً فتَاهَ في دِهليزِ السُّطورِ ولمْ يخرجْ بعد! وأنَّ محكمةَ الجناياتِ برأَّتْ ضَبَّة وأهلَه من دمِ المتنبي فقد قتلَه بيتُ شِعرٍ قاله لحظةَ غُرور وبعد استئنافٍ قيَّدوا مقتله ضِمنَ جرائِمِ الشَّرف ! تباً ، لقد تبيَّنَ أنَّ الكُتبَ قاتلٌ محترف فقد ضَبطوها بالجُرمِ المشْهودِ فوقَ جُثةِ الجَاحظ وجاءَ في محضَرِ التَّحقيقِ أنَّها خنقته حتى الممَوت ومن يومِها اعتبروا أنَّ الكتابَة شُروعٌ في القتلِ مسَاؤُكم موشَّحٌ بالدَّمِ أيها القتلة!! التفاؤل شيء جيد من شأنه أن يجعل السقوط من أعلى أكثر إيلاماً! السقوط وقتذاك لن يكون مجرد ارتطام فحسب ، بل لا بد من ذكر رائحة الخيبة المنبعثة من ثياب المفجوعين بأحلام هَوَتْ ، كبيوتِ الرمل التي يصنعها الأطفال بمحاذاة الشاطىء ،لفرط براءتهم ظنوا أن البحر دوماً بمزاجٍ واحد ! وتعلمت أنك حين تكره أحدا فإنك تدفنه في أعماقك فأزعجك أن تكون قبرا فأقلعت عن الكراهية ! كنت ترى أنه لا أحد يستحق أن يدفن في أعماقك فكنت ترحل بصمت أو ربما هي عادتك في المواجهة الهرب وكنت تقول مفسّرا نحن نكره الذين نحبهم لأنهم يستعبدون أعماقنا ونحن نكره أن يستعبدنا أحد

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