अर्न्स्ट कैसिरर (1874 - 1945) एक जर्मन दार्शनिक और दर्शनशास्त्र के इतिहासकार थे, जो "नव-कांतियन दर्शन" के तथाकथित मारबर्ग स्कूल से संबंधित थे। उन्हें बीसवीं शताब्दी में कांटियन आलोचनात्मक दर्शन के सबसे प्रमुख टीकाकार के रूप में जाना जाता है। उन्होंने 1933 में जर्मनी छोड़ दिया और न्यूयॉर्क में उनकी मृत्यु हो गई। उनकी सबसे प्रसिद्ध रचनाओं में से हैं: "सार और कार्य" (1910), "स्वतंत्रता और रूप" (1916), "प्रतीकात्मक रूपों का दर्शन" (1923 - 1929), "मिथ एंड द स्टेट" (1942), "प्रतीक, मिथ एंड कल्चर" (1979), "लैंग्वेज एंड मिथ।" (1925)।